Saturday, July 18, 2009

सोशल नटवर्किंग साइट माने कि सामाजिक कार्यकर्ता

मेरा स्वभाव कुछ ज़्यादा ही शांत है। हालांकि मेरे खा़स मित्रों की सूची अच्छी खा़सी है। फिर भी मैं जल्दी से और हर किसी से बात करने में यक़ीन नहीं रखता। मेरी दोस्ती आराम से और पूरा समय लगाकर होती है। ये बात मैं यहाँ इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि आज मुझे कुछ लोगों को दोस्त बनाने का सुझाव मिला है, वो भी मुफ़्त में। ये सुझाव मुझे फ़ेसबुक ने दिया है। नाम भर के लिए इस सामाजिक सेवा से जुड़ा मैं इसे महीने में एक बार ज़रूर खोलकर देख लेता हूँ। खा़सकर ये जाँचने के लिए कि कहीं पासवर्ड भूल तो नहीं गया। आज जब इसे देख रहा था तो साइड में एक खिड़की खुली दिखी। इसमें मेरे ही एक पुराने सहपाठी की तस्वीर थी, साथ में लिखा हुआ था कि ये आपके इन मित्र के मित्र है तो आप भी अब इनके मित्र बन जाइए। मुझे बचपन में पढ़ा हुआ गणित याद आ गया कि अ बराबर है ब के और ब बराबर है स के तो हिसाब के मुताबिक़ अ और स भी बराबर हुए। दोस्ती में गणित के नियमों को लागू कर फ़ेसबुक ने एक नई पहल की है। खैर, जब मैं इस खिड़की के अंदर घुसा तो देखा कि मित्र बनाने की ये सुझाव लिस्ट तो बहुत लंबी थी। इसमें तो कई मेरे सहकर्मी ही थे जिनसे मैं रोज़ाना मिलता हूँ। कई मेरे पुराने मित्र भी थे। बड़ी मज़ेदार लगी मुझे ये लिस्ट। हर सुझाव के साथ उन्हें दोस्त क्यों बनाया जाए इसकी वजह भी दी गई थी। ये इनका मित्र है इसलिए इससे मित्र बनाए, ये आपके साथ पढ़ा है इसलिए इसे मित्र बनाए, ये साथ काम करता है इसलिए और न जाने क्या-क्या... साइबर स्पेस में मित्र बनने के लिए न तो स्वभाव जानने की ज़रूरत है और न ही उनसे मिलने जुलने की। सबसे मज़ेदार बात ये थी कि इस लिस्ट में शामिल मेरे साथ पढ़े कुछ लोगों से मेरी कॉलेज के वक़्त में ही अनबन हो गई थी। अब मैं खोज रहा हूँ फ़ेसबुक में बैठे उस सज्जन का ई-मेल जिसने मुझे ये दोस्त सुझाए हैं। मैं उसे ये कहना चाहता हूँ कि भाई साब आप हमारे लिए इतने परेशान न हो हम ख़ुद ही दोस्त बना लेगे। वैसे, क्या ये सामाजिक कार्यकर्ता दुश्मनों की लिस्ट भी तैयार करते हैं...

3 comments:

राजन अग्रवाल said...

इस दौर में जितने कम और काबिल हों उतने ही अच्चे .

uday kumar singh said...

kisi ki dost banane se pahale..usake bare men tamam jankarian hasil kar lena achchhi bat hai...thok-thetha kar hi kisi ke aage dosti ka hath badhana chaia..

dschauhan said...

सच्चे और अच्छे दोस्त ही समय पर सही सलाह दे सकते हैं!