Monday, February 17, 2014

#संस्कारी #आलोकनाथ

कुछ समय पहले एक एफ़एम स्टेशन ने सनी देओल और धर्मेन्द्र के आवाज़ और उनके निभाए गए किरदारों को लेकर एक स्कीट बनाया था। स्कीट उस एफ़एम की पहचान-सा बन गया था। लेकिन, एक दिन अचानक ही सनी देओल के खून में उबाल आ गया और उन्होंने एफ़एम स्टेशन को आड़े हाथों ले लिया। ओम शांति ओम में मनोज कुमार का मज़ाक उड़ाने पर फराह ख़ान और शाहरुख़ ख़ान को भी उनके गुस्से का सामना करना पड़ा था। मनोज कुमार तो आज तक गुस्से में हैं। हालांकि मनोज कुमार के मज़ाक के अगले संवाद में ही उनकी महानता का बखान भी है फिल्म में है(जिसकी मेरे हिसाब से कोई ज़रुरत नहीं थी)। इन सभी के बीच रजनीकांत को लेकर बनाए गए चुटकुलों पर आज तक रजनीकांत ने कोई टिप्पणी नहीं की है (कम से कम मेरी जानकारी में)। हालांकि उनकी ओर से मैंने किसी तरह का कोई कमेन्ट नहीं सुना है। ऐसे में आलोकनाथ का संस्कारी अवतार मेरे लिए कौतूहल का विषय था। आलोकनाथ के ऊपर बने एक-एक चुटकुले का मैंने भी मज़ा लिया था। इस सबके बीच जब मैंने एनडीटीवी पर हम लोग में आलोकनाथ को देखा और वो भी संस्कारी बाबूजी के नाम से। तो मैं कुछ चौंक गई। खुद का मज़ाक उड़ते देखना। और, उस मज़ाक के मज़े लेना बहुत हिम्मत की बात है। आलोकनाथ एक बेहतरीन कलाकार है। मैंने उन्हें बुनियाद में देखा भर है। मुझे कुछ और याद नहीं। बाक़ी मुझे स्टार प्लस पर कभी-कभी याद है और दाने अनार के... कौन भूल सकता है। फिल्मों में आलोकनाथ को मैंने अधिकतर पिता की भूमिका में देखा है। लेकिन, मैं ज़िंदा हूँ में आलोकनाथ को देखकर आपको आश्चर्य हो सकता है। मुझे हुआ था, ये सोचकर की क्यों इन्हें अच्छे रोल नहीं मिलते हैं। इतने बेहतरीन कलाकार है। आलोकनाथ ने अपने ऊपर बने एक एक चुटकुले को बहुत ही सकारात्मक तरीके से लिया है। इतना तक की उन्होंने केजरीवाल को लेकर बने और फिलहाल नेट पर वायरल हुए स्किट में संस्कारी बाबूजी की भूमिका भी निभाई है। बहुत ही मज़ाकिया तरीके से बनाए गए इन विडियो में आलोकनाथ ने बहुत ही मज़ेदार तरीके से बाबूजी को पेश किया है। शायद इसे देखकर किसी फिल्मकार को ये समझ में आए कि आलोकनाथ कॉमेडी भी कर सकते हैं। अपनी ज़िंदगी की हरेक परिस्थिति से हंसकर निपटना और उसमें से कोई न कोई अच्छी बात निकाल लेना ही तो संस्कार है... और, आलोकनाथ तो हैं ही संस्कारी...

1 comment:

Unknown said...

Khud par hans pana wakai sabse imaandaar kaamon mein se hai. Aur khud par hansna us chutkule ki na sirf vastavik samiksha hai, balki kai baar yah mazaak udaane walon ko muh tod jawab ki tarah hai.