Tuesday, May 8, 2018

अनोखी मैं...


अव्वल तो मैं सौ प्रतिशत लेफ्ट हेंडर हूं। दुनिया की उस दस प्रतिशत आबादी का हिस्सा जो ताउम्र राइट हेंडर के लिए बनी चीज़ों का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य रहते हैं। भारत में पैदा हुई हूं सो पूजापाठ के दौरान बचपन से बातें सुनती आई हूं। कितना ही किसी को समझा लो कि मेरा उल्टा हाथ ही सीधा है मजाल है जो कोई बात समझ जाएं। इसके बाद मैं टंग टाई। यानीकि जीभ तालु से चिपकी। उच्चारण में इसके चलते कई दोष और कई परेशानियां अलग। कई बार मज़ाक का विषय बन जाती हूं। आखिर कितनों को आप समझा सकते हैं कि जीभ का चिपका रहना क्या होता है। मेरा अनोखापन यहीं तक समित नहीं। मैं मॉर्टन्स टो वाली भी हूं। यानि मेरे पैर की उंगली अंगूठे से बड़ी है। जूते का माप अंगूठे की लंबाई से तय होता है। लेकिन, मेरे पैर का माप उंगली तय करती है। मतलब हमेशा एक साइज़ बड़े जूते। कोई फैंसी चप्पल या जूते नहीं। कई बार अफसोस हुआ लड़कियों के सुन्दर फुटवियर देख लेकिन कोई ऑप्शन नहीं। बड़े पैरों में एक साइज़ और बड़े जूतों का भी अनगिनत बार मज़ाक बना। सोचा समझाऊं कि ये मॉर्टन्स टो है। फिर लगा गोली मारो ये नहीं समझेंगे। मैं ही बस समझ गई कि अनोखी हूं मैं....

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