Tuesday, June 16, 2020

माधवराव सप्रे सम्मान 2020 के लिये डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी का चयन

प्रिन्ट मीडिया इलक्ट्रोनिक मीडिया और वेब जनर्लिज्म में समान अधिकार के साथ अरसे से सक्रिय और हिन्दी के पहले वेबपोर्टल-वेबदुनिया डॉट काम के संस्थापक सम्पादक डॉ.प्रकाश हिन्दुस्तानी को माधवराव सप्रे स्मृति समाचारपत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान भोपाल के संस्थापक-संयोजक विजयदत्त श्रीधर ने वर्ष के प्रतिष्ठापूर्ण माधवराव सप्रे सम्मान से पुरस्कृत करने की घोषणा की है। डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी ने राजेन्द्र माथुर और राहुल बारपुते जैसे विद्वान और प्रखर सम्पादकों के सान्निध्य में पत्रकारिता की शुरुआत की थी.तदनन्तर धर्मयुग नवभारत टाइम्स और दैनिक भास्कर में विभिन्न संपादकीय दायित्व का निर्वहन किया। वेबदुनिया का संचालन करने के बाद लगभग एक दशक तक वे टेलीविजन चैनल में कार्यरत रहे। सम्प्रति डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी "दैनिक प्रजातंत्र" में संपादकीय लेखन और सलाहकार की भूमिका निभा रहे हैं आप इस समय वेब पोर्टल मीडियावाला डॉट इन में सलाहकार का दायित्व भी निभा रहे हैं. पत्रकारिता में पिछले तीन दशक से सक्रिय प्रकाश हिन्दुस्तानी को एबीपी न्यूज़ चैनल द्वारा देश के दस सर्वश्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगर्स के रुप में भी चुना गया था और उन्हें हिन्दी में ब्लॉग लेखन के लिए सम्मानित किया गया था। ब्लॉगर के रूप में देश के अलावा भूटान और श्रीलंका में भी वे सम्मानित किये जा चुके हैं.अमेरिका के न्यू जर्सी के रटगर्स विश्वविद्यालय में आयोजित हिन्दी सम्मलेन में भी एक वक्ता के रूप में आप शामिल हो चुके है।आप इंटरनेट पर हिन्दी को स्थापित करने वाले शुरुआती पत्रकार हैं और हिन्दी वेब पत्रकारिता पर पी.एच-डी.भी आपने की है। आप जाने माने ब्लागर भी हैं। वे हिन्दी में सोशल मीडिया के पहले विश्लेषक हैं। निजी वेबसाइट शुरू करने वाले भी वे पहले पत्रकार हैं। इसकी शुरुआत वर्ष में "प्रकाश हिन्दुस्तानी डाट काम" के नाम से हुई थी हाल ही में आपका चयन विश्व संवाद केन्द्र भोपाल के वर्ष के प्रतिष्ठित देवर्षि नारद पत्रकारिता सम्मान के लिये भी हुआ है. पत्रकारिता के भाष्यकार बताते हैं कि मीडिया के प्रति समर्पण का पहला दौर उससे ज्ञान हासिल कर खुद को पत्रकार बनाना होता है तो दूसरा दौर अनुभवों के खजाने से इसे परिष्कृत करना होता है. यद्यपि अब ऐसे पत्रकारों की संख्या कम हो रही है। पेशे में आई जबरदस्त प्रतिस्पर्धा से पत्रकारिता की परिभाषा में फेरबदल हो रहें हैं जनोन्मुखी पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों की संख्या घट रही है मगर इन प्रतिकूलताओं के बीच भी ताज़ी बयार की अनुभूति के रुप में प्रकाश हिन्दुस्तानी जैसे पत्रकार मौजूद हैं जो एक सुखद संकेत है. इंटरनेट पत्रकारिता पर पीएचडी कर चुके प्रकाश को धर्मवीर भारती, डॉ विद्यानिवास मिश्र, राहुल बारपुते, कन्हैयालाल नंदन, वेद प्रताप वैदिक और सुरेंद्र प्रताप सिंह जैसे दिग्गज सम्पादकों का सानिध्य मिला. वर्ष 1982-83 में धर्मयुग से जुड़े रहे. नवभारत टाइम्स में 16 साल तक और दैनिक भास्कर में वर्ष 1997 से वर्ष तक सेवा दी। इसके बाद वेबदुनिया डॉट कॉम के संस्थापक संपादक की जिम्मेदारी का निर्वहन किया। इसके अलावा प्रकाश कई साल सहारा न्यूज में भी रहे और डीजी न्यूज-सेंट्रल इंडिया में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के समाचार प्रमुख रहे. प्रकाश हिन्दुस्तानी अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय राजेंद्र माथुर साहब को देते है। उन्होंने पत्रकारिता के साथ अध्ययन के लिए हमेशा प्रेरित करते थे वे कहते थे कि खूब पढ़ो और यह जरूर देखो कि इससे हासिल क्या हुआ. वे प्रेरित करते थे कि हमेशा नई चीजों को अपनाओ उसे आगे बढ़ाने के लिए अनुभवों का उपयोग करने में मत हिचको। खबरों की समझ के लिए बीबीसी सुनने की हिदायत भी उन्होंने ही दी थी.प्रकाश कहते हैं कि खबरों की दुनिया में विचारों का अहम योगदान है इसलिए माथुर साहब अच्छी गोष्ठियों में शिरकत करने को कहते थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि ज्ञान के स्रोतों का दोहन करो.उनके ज्ञान की उष्मा ने मुझे तराशा, नए आकाश दिए। आप ऐसा करके खुद महसूस कर सकते हैं कि पत्रकारिता का आकाश कितना विशाल है और हमारी उड़ान कितनी सीमित जिन लोगों की कोई आवाज नहीं सुने उनकी आवाज बनो पर अफसोस है कि जनपक्ष पर इन दिनों पत्रकारिता नहीं हो रही है. प्रकाश हिन्दुस्तानी के लिये अभी तो यह आग़ाज़ है अभी तो उन्हें और सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ना है और पत्रकारिता क्षेत्र के बड़े अवार्ड अब उनकी जद से ज्यादा दूर नहीं हैं.

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