Saturday, July 4, 2020

भारत के नितिन मेनन बने एलीट पैनल के सबसे युवा अम्पायर

भारत के युवा अंपायर नितिन मेनन को इंग्लैंड के नाइजेल लोंग की जगह वर्ष 2020-21 सत्र के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अंपायरों की एलीट पैनल में शामिल किया गया है. छत्तीस  साल के मेनन को सत्तावन प्रथम श्रेणी मैचों के अलावा तीन टेस्ट, चौबीस वनडे और सोलह टी ट्वंटी अंतरराष्ट्रीय मैचों में और चालीस आईपीएल मैचों में अंपायरिंग का अनुभव है। वह इस सूची में जगह बनाने वाले पूर्व कप्तान श्रीनिवास वेंकटराघवन और सुंदरम रवि के बाद तीसरे भारतीय है। रवि ने पिछले साल इस पैनल  से निवृत्ति ले ली थी. मेनन इस पैनल के सबसे युवा सदस्य बन गए हैं. ईसीसी के महाप्रबंधक (क्रिकेट) ज्योफ एलरडाइस (अध्यक्ष), पूर्व खिलाड़ी और कमेंटेटर संजय मांजरेकर और मैच रेफरियों रंजन मदुगले एवं डेविड बून की चयन समिति ने मेनन का चुनाव किया। मेनन इससे पहले अंपायरों के एमिरेट्स आईसीसी अंतरराष्ट्रीय पैनल का हिस्सा थे.

एलीट पैनल में अलीम डार, कुमार धर्मसेना, मरायस एरस्मस, क्रिस गैफनी, माइकल गॉग, रिचर्ड इलिंगवर्थ, रिचर्ड  केटलबोरो, ब्रूस ओक्सेनफोर्ड, पॉल रीफेल, रॉड टकर और जोएल विल्सन ने अपनी जगह बरकरार रखी है। कोविड-19 महामारी के कारण आईसीसी ने स्थानीय अंपायरों के इस्तेमाल की योजना बनाई है, जिससे मेनन अगले साल भारत में इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों कीटेस्ट सीरीज में मैच अधिकारी की भूमिका निभा सकते है। आईसीसी अगर इस नियम को हटाती है तो वह अलगे साल ऑस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज में भी अपायरिग करते दिख सकते है।

नितिन मेनन ने बतौर बल्लेबाज अपना कैरियर शुरू किया था.वे मध्यप्रदेश के लिए अंडर-सिक्सटीन , अंडर- नाइन्टीन , अंडर ट्वंटी , अंडर - ट्वंटी फाईव और दो लिस्ट-ए वनडे मैच खेल चुके हैं. वर्ष 2006 में बीसीसीआइ की अंपायरिंग परीक्षा थी और पिता के कहने पर परीक्षा दे दी .इसके बाद वर्ष 2007 से घरेलू मैचों के जरिए अंपायरिंग का सिलसिला ऐसा चला कि अब तक जारी है.नितिन के पिता नरेंद्र भी अंतरराष्ट्रीय अंपायर रहे है .वे दो टेस्ट मैचों में थर्ड अंपायर जबकि एक मैच में चौथे अंपायर रहे हैं.चार वनडे मैचों में मैदानी अंपायर भी रहे हैं.

अपने चयन पर नितिन मेनन ने कहा, ''एलीट पैनल में नाम होना मेरे लिए बहुत सम्मान और गर्व की बात है। दुनिया के प्रमुख अंपायरों और रेफरियों के साथ-साथ नियमित रूप से काम करने का मेरा हमेशा से सपना रहा है ".' मेनन पिछले 13 साल से अंपायरिंग कर रहे है .उन्होंने कहा, मेरी प्राथमिकता अंपायरिंग की बजाय देश के लिए खेलना थी, मैंने हालाँकि 22 साल की उम्र में खेलना छोड़ दिया था और 23 साल की उम्र में सीनियर अंपायर बन गया था.एक साथ खेलना और अंपायर करना संभव नहीं था इसलिए मैंने सिर्फ अंपायरिंग पर ध्यान देने का फैसला किया.

क्या होता है  एलीट अम्पायर पैनल? 

आईसीसी का एलीट अम्पायर पैनल आईसीसी द्वारा समूचे विश्व में होने वाले अधिकृत टेस्ट मैचों और एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में अम्पायरिंग के लिये अम्पायरों को नियुक्त करता है. यह पैनल पहली बार अप्रेल 2002 में गठित  किया गया था ताकि विश्व क्रिकेट में अम्पायरिंग के स्तर में अपेक्षित सुधार किया जाता सके.इस पैनल के गठन के बाद अब टेस्ट मैचों में दोनों मैदानी अम्पायर और एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में एक मैदानी अम्पायर तटस्थहोगा.इसके
पहले तक टेस्ट मैचों में एक अम्पायर ही तटस्थ होता था जबकि क्षेत्र एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में दोनों अम्पायर स्थानीय होते थे.अब विश्व में होने वाली सभी क्रिकेट प्रतियोगिताओं में  एलीटअम्पायर की सुविधा उपलब्ध करवाई जातीं हैं जो विश्व के सर्वश्रेष्ठ अम्पायर माने जाते हैं. एलीट अम्पायर के रुप में चयन के लिये अभ्यर्थी का चयन करते समय यह मापदण्ड रखा जाता है कि वह अम्पायर प्रतिवर्ष कम से कम पाँच टेस्ट मैच और पन्द्रह एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में अम्पायरिंग कर चुका हो. आईसीसी की अम्पायर चयन  समिति प्रतिवर्ष एलीट पैनल के लिये अम्पायर चुनती है.

राजा दुबे

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